कर्मभूमि क्या है?

19 09 2007

जब मैं स्कूल में पढ़ा करता था, तबसे ही मेरी ईच्छा थी कि मैं अपने देश, अपने लोगों के लिए कुछ कर सकूं। जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरी ये ईच्छा और बलवती होने लगी। मैं समझता हूँ कि अब समय आ गया है कि मैं अपनी इस ईच्छा को पूरा करने की दिशा में कुछ करूं। मेरी समस्या ये है कि  अभी मैं अपना १००% समय इस काम में लगा नहीं सकता। तो अपने रोजमर्रा के काम करते हुए देश के लिये कुछ करने के लिये मुझे कोई रास्ता तलाश करना था। मैं समझता हूँ कि हम जो भी पढ़ते या लिखते हैं, उसका हमारे मन पर ज्यादा न सही फ़िर भी थोड़ा तो असर होता ही है (कम से कम मुझपर तो यह बात लागू होती है)। तो मैने सोचा कि क्यूं न अपने विचारों को लिखा जाये? कर्मभूमि की शुरुआत इसी मकसद से हुई है।

मैं चाहता हूँ कि आम लोग भी, जिन्हें English का ज्यादा  ज्ञान नहीं है वो भी मेरी बातों को जान सकें। इसीलिये मैनें हिन्दी में लिख्नने का फ़ैसला लिया। और हिन्दी भी ऐसी जो आम बोलचाल में इस्तेमाल होती है न कि शुद्ध साहित्यिक हिन्दी (जिसे समझना शायद आसान न्हीं होगा)।

सारी बातों का सार यही है, कि कर्मभूमि एक प्रयास है जिसके माध्यम से मैं अपने विचार लोगों तक पहुँचाना चाहता हूँ। आशा है कि लोग मेरे विचारों को पढ़ेंगे, समझेंगे और शायद उनसे सहमत भी होंगे।